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  • मुख्यमंत्री ने आई.जी.एम.सी. में हुई घटना की जांच 24 दिसम्बर तक पूर्ण कर कार्रवाई करने के दिए निर्देश
  • राज्यपाल ने भारतीय अर्थशास्त्र संघ के 108वें वार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को किया संबोधित
  • पांगी क्षेत्र के प्रतिनिधिमंडल ने की मुख्यमंत्री से भेंट
  • खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए हिमाचल में खेल अधोसंरचना का किया जा रहा विकास: मुख्यमंत्री
  • राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने क्रिसमस पर लोगों को शुभकामनाएं दी
  • मुख्यमंत्री ने शिमला विंटर कार्निवाल का किया शुभारम्भ
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  • मुख्यमंत्री ने शिमला विंटर कार्निवाल का किया शुभारम्भ
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज रिज शिमला में नगर निगम शिमला द्वारा आयोजित शिमला विंटर कार्निवाल का शुभारम्भ किया। उन्होंने सांस्कृतिक परेड को भी झंडी दिखाकर रवाना किया। सांस्कृतिक परेड मंे सभी जिला के सांस्कृतिक दलों ने हिस्सा लिया।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गेयटी में आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी और टाउन हाल के समीप महानाटी और होम गार्ड इंटर बटालियन बैंड प्रतिस्पर्धा का अवलोकन भी किया।
    मुख्यमंत्री ने चिट्टा मुक्त हिमाचल थीम के साथ आयोजित कार्निवाल के सफल आयोजन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।
    कार्निवाल के दौरान मुख्यमंत्री ने पर्यटकों से संवाद भी किया और उनके अनुभव जाने। 
    मुख्यमंत्री ने प्रदेश में आने वाले पर्यटकों का स्वागत करते हुए कहा कि हिमाचल की शांत वादियां और शुद्ध हवा से उन्हें निश्चित रूप से आनंद के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य की अनुभूति भी प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटक मेहमानों को कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी।
    इस अवसर पर श्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को प्रकृति ने अभूतपूर्व सौंदर्य से नवाजा है। प्रदेश की मनोरम वादियां हर वर्ष करोड़ों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जहां आधारभूत संरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है वहीं प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए विशेष पहल की जा रही है। विंटर कार्निवाल शिमला के माध्यम से पर्यटकों को पहाड़ों की रानी शिमला में आकर्षण के विभिन्न आयाम उपलब्ध करवाये गए हैं। इसी तरह धर्मशाला में कार्निवाल का आयोजन किया जा रहा है।
     उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से क्षेत्र की आर्थिकी को संबल मिलता है। पर्यटकों के आवागमन में हर वर्ष बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। प्रदेश में ईको टूरिज्म की अपार संभावनाओं को देखते हुए नई संशोधित ईको टूरिज्म नीति अधिसूचित की गई है। इसके तहत वन विभाग द्वारा 11 ईको टूरिज्म स्थलों का आवंटन कर दिया गया है और 27 अन्य स्थलों के आवंटन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। वर्ष, 2023 से नवम्बर, 2025 तक लगभग 6 करोड़ रुपये विभिन्न ईको-टूरिज्म गतिविधियों से अर्जित किए गए हैं।
    उन्होंने कहा कि होम-स्टे को प्रोत्साहित करने के लिए होम-स्टे के लिए ब्याज पर अनुदान योजना आरम्भ की गई है। होम-स्टे पंजीकरण करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल आरम्भ किया गया है। पर्यटन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए पर्यटन निवेश प्रोत्साहन परिषद का गठन किया गया है।
    इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ.(कर्नल)धनी राम शांडिल, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह, एआईसीसी के सचिव विदित चौधरी, विधायक हरीश जनारथा व विवेक शर्मा, महापौर नगर निगम शिमला सुरेन्द्र चौहान, उप-महापौर ऊमा कौशल, उपाध्यक्ष राज्य वन विकास निगम केहर सिंह खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल त्रिवेदी व अभिषेक त्रिवेदी, उपायुक्त अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी, आयुक्त नगर निगम शिमला भूपेन्द्र अत्री, नगर निगम के पार्षद और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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  • पांगी क्षेत्र के प्रतिनिधिमंडल ने की मुख्यमंत्री से भेंट
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू से आज यहां पांगी क्षेत्र के एक प्रतिनिधिमंडल ने एपीएमसी चम्बा के अध्यक्ष ललित ठाकुर की अध्यक्षता भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को क्षेत्र की विभिन्न मांगों से अवगत करवाया।
    मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए पांगी क्षेत्रवासियों और स्वयं सहायता समूहों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती पद्धति को प्रोत्साहित करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। इस क्षेत्र में पांगी के किसान और बागवान उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने पांगी क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से उगाए जाने वाले जौ का समर्थन मूल्य भी निर्धारित किया है।
    श्री सुक्खू ने प्रतिनिधिमंडल की सभी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
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  • राज्यपाल ने भारतीय अर्थशास्त्र संघ के 108वें वार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को किया संबोधित
    राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज भारतीय अर्थशास्त्र संघ के 108वें वार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन नीति संवाद और राष्ट्र निर्माण के लिए एक महत्त्वपूर्ण मंच है। 
    उन्होंने सम्मेलन की थीम का ‘इंडियाज पर्स्पेक्टिवः विकसित भारत 2047’ का उल्लेख करते हुए कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य केवल आर्थिक वृद्धि तक सीमित न होकर समावेशी विकास, सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण, तकनीकी आत्मनिर्भता और मानवीय मूल्यों का संवर्धन भी है।
    श्री शुक्ल ने कहा कि देश आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ-साथ डिजिटल अवसंरचना, नवाचार स्टार्टअप और बुनियादी ढांचे के विस्तार में भी अग्रणी बनकर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 का दृष्टिकोण केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर नागरिक के लिए सम्मान, अवसर और संतुलित विकास सुनिश्चित करना भी है। उन्होंने अर्थशास्त्रियों से उनके विचारों को समाज की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नीतियां बनाने में उपयोग करने का आहवान किया।
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  • मुख्यमंत्री ने आई.जी.एम.सी. में हुई घटना की जांच 24 दिसम्बर तक पूर्ण कर कार्रवाई करने के दिए निर्देश
    सीनियर रेजिडेंसी  के लिए इंडक्शन ट्रेनिंग की जाए आरम्भः मुख्यमंत्री
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां स्वास्थ्य विभाग, इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, शिमला और निदेशालय चिकित्सा शिक्षा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों और आई.जी.एम.सी. शिमला में 22 दिसम्बर को हुई घटना पर विस्तृत चर्चा की गई।
    मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग, आई.जी.एम.सी और निदेशालय चिकित्सा शिक्षा के अधिकारियों से इस घटना से जुड़े सभी तथ्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।
    श्री सुक्खू ने कहा कि इस घटना की जांच 24 दिसम्बर, 2025  तक पूर्ण कर अतिशीघ्र उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि हर संस्थान में पेशेवरों का व्यवहार सौम्य और शांत होना चाहिए। इससे व्यक्तित्व के साथ-साथ संस्थान की छवि भी झलकती है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि आई.जी.एम.सी. से पढ़ाई करने के उपरान्त चिकित्सकों ने राज्य का नाम देश और विदेश में रौशन किया है। आई.जी.एम.सी. में हुई घटना निंदनीय है। किसी भी संस्थान में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
    श्री सुक्खू ने निदेशालय चिकित्सा शिक्षा को सीनियर रेजिडेंसी करने के लिए चिकित्सा महाविद्यालय में आने वाले चिकित्सकों को इंडक्शन टेªनिंग प्रदान करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सीनियर रेजिडेंसी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विगत तीन वर्षों के दौरान चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अनेक महत्त्वाकांक्षी पहल की हैं। चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ को संस्थान और अस्पताल में बेहतर वातावरण प्रदान करने के लिए विश्व-स्तरीय मानकों को अपनाया जा रहा है।
    श्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को न केवल सुदृढ़ कर रही है बल्कि इस क्षेत्र में आदर्श राज्य बनने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास और विस्तार पर तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य संस्थानों में दो दशकों से इस्तेमाल हो रहे पुराने चिकित्सा उपकरणों को नए और अत्याधुनिक उपकरणों से बदला जा रहा है।
    बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने चिकित्सा शिक्षा से सम्बन्धित विभिन्न सुझाव दिए।
    मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव स्वास्थ्य संदीप कदम, निदेशक, चिकित्सा शिक्षा डॉ. राकेश शर्मा, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. गोपाल बेरी, एम.एस. आई.जी.एम.सी डॉ.राहुल राव, अतिरिक्त निदेशक नीरज कुमार गुप्ता और वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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  • डेलॉइट के प्रमुख सरकारी सम्मेलन ‘आरोहण (Ārohaṇa) 2025’ में हिमाचल प्रदेश को “हिम परिवार” परियोजना के लिए मिला विशेष सम्मान
    डेलॉइट के प्रमुख सरकारी सम्मेलन ‘आरोहण (Ārohaṇa) 2025’ में हिमाचल प्रदेश को “हिम परिवार” परियोजना के लिए मिला विशेष सम्मान
     
    हिमाचल प्रदेश को डेलॉइट के प्रमुख सरकारी सम्मेलन आरोहण (Ārohaṇa) 2025 में अपनी दूरदर्शी डिजिटल शासन पहल — “हिम परिवार परियोजना” के लिए विशेष मान्यता प्रदान की गई।
    माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस सम्मेलन में भाग लिया और Plenary Leadership Lecture सत्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य ने कैसे रणनीतिक रूप से डिजिटल तकनीक का उपयोग करते हुए एक भविष्य-उन्मुख, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित शासन व्यवस्था का निर्माण किया है।
    मुख्यमंत्री ने “हिम परिवार परियोजना” को शासन में एक गेम चेंजर के रूप में वर्णित किया। उन्होंने बताया कि यह पहल विभिन्न विभागों के आंकड़ों को एकीकृत करती है, जिससे कल्याणकारी योजनाओं की लक्षित डिलीवरी संभव हो पाती है, दोहराव को समाप्त किया जा सकता है, अपात्र लाभार्थियों को हटाया जा सकता है, और नीति निर्माण एवं योजना निर्माण प्रक्रिया को सुदृढ़ किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना ने समाज कल्याण कार्यक्रमों के संचालन में दक्षता, पारदर्शिता और वित्तीय उत्तरदायित्व को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया है।
    उन्होंने राज्य की अन्य प्रमुख डिजिटल पहलों का भी उल्लेख किया, जिनमें शामिल हैं —
    हिमएक्सेस (HimAccess) – राज्य का सिंगल साइन-ऑन डिजिटल आइडेंटिटी प्लेटफ़ॉर्म, और
    हिमसेवा (HimSeva) – एकीकृत सेवा वितरण पोर्टल, जो सैकड़ों नागरिक सेवाएँ ऑनलाइन उपलब्ध कराता है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पहलों का उद्देश्य शासन को सरल, तीव्र और सर्वसमावेशी बनाना है, जिससे विशेष रूप से दूरदराज़ और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को अधिक सुविधा प्राप्त हो।
    मुख्यमंत्री श्री सुक्खू, जो सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) विभाग का दायित्व भी संभालते हैं, ने राज्य के डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग (DTG) की भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने विशेष रूप से मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (DTG एवं नवाचार) श्री गोकुल बुटेल के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की तथा डॉ. निपुण जिंदल, निदेशक (DDTG) और उनकी समर्पित टीम के उत्कृष्ट कार्य की प्रशंसा की, जिन्होंने राज्य की महत्वाकांक्षी डिजिटल गवर्नेंस विज़न को धरातल पर सफलतापूर्वक साकार किया।
    आरोहण 2025 में प्राप्त यह सम्मान हिमाचल प्रदेश की समावेशी शासन के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग में राष्ट्रीय नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थिति को रेखांकित करता है और राज्य की सुरक्षित, पारदर्शी एवं भविष्य-उन्मुख डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

     

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  • मुख्यमंत्री ने किया पल्स पोलियो अभियान का शुभारम्भ
     चमियाणा में बच्चों के लिए स्थापित होगा एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर 
    अस्पतालों में वृद्धजनों के लिए आरम्भ होगी विशेष ओपीडी परामर्श स्लॉट सुविधा
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के अवसर पर कमला नेहरू अस्पताल, शिमला में आयोजित राज्य स्तरीय ‘सघन पल्स पोलियो अभियान’ का शुभारम्भ किया। उन्होंने नन्हें-मुन्ने बच्चों को पोलियो से बचाव की खुराक भी पिलाई।
    मुख्यमंत्री ने अभियान के सफल आयोजन के लिए चिकित्सकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा, एएनएम, पंचायती राज संस्थाओं, स्कूल शिक्षकों एवं प्रशासन की सराहना की।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर मेडिकल कॉलेज तक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ कर रही है। उन्होंने कहा कि अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपरस्पेशलिटी आयुर्विज्ञान चमियाणा में एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर खोला जाएगा। इस सेंटर में बच्चों के इलाज के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं और आधारभूत ढांचा विकसित किया जाएगा।
    उन्होंने कहा कि अस्पतालों में 70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों के लिए ओपीडी परामर्श के लिए विशेष स्लॉट निर्धारित किए जाएंगे, ताकि उन्हें इंतजार न करना पड़े और सुविधाजनक उपचार सुविधा प्राप्त हो। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को विशेष अधिमान दे रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र को और सशक्त बनाने के लिए विश्वस्तरीय तकनीक और आधारभूत ढांचा विकसित किया जा रहा है। चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए सभी रिक्त पदों को चरणबद्ध तरीके से भरा जा रहा है। 
    ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सघन पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान का उद्देश्य राज्य के पोलियो-मुक्त दर्जे को बनाए रखना है। अभियान के अंतर्गत प्रदेशभर में 5,793 पोलियो बूथ में जीरो से पांच वर्ष आयु वर्ग के लगभग छह लाख बच्चों को पोलियो से बचाव की खुराक पिलाई जाएगी। इसके सफल संचालन के लिए 11,706 टीकाकरण टीमें तैनात की गई हैं।
    उन्होंने कहा कि 22 व 23 दिसम्बर को मॉप-अप दिवस के दौरान घर-घर जाकर छूटे हुए बच्चों, प्रवासी परिवारों तथा उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों को कवर किया जाएगा। अभियान के लिए आवश्यक टीकें, कोल्ड-चेन उपकरण एवं अन्य लॉजिस्टिक सामग्री पहले ही सभी जिलों को उपलब्ध करवाई जा चुकी है। 
    मुख्यमंत्री ने केएनएच में मरीजों और उनके परिजनों सके बातचीत की और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
    उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक को प्रदेश सरकार द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। शिमला के चमियाणा अस्पताल और कांगड़ा ज़िले के टांडा मेडिकल कॉलेज में ऐतिहासिक पहल करते हुए रोबोटिक सर्जरी की शुरूआत की गई है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज से लेकर सिविल हॉस्पिटल तक पुरानी मशीनों को बदला जा रहा है। स्वास्थ्य संस्थानों में एमआरआई, सिटी स्कैन और एक्स-रे मशीन लगाने के लिए तीन हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एम्ज दिल्ली की तर्ज़ पर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। मरीजों के लिए प्रदेश में आधुनिक सुविधाओं से लैस ट्रॉमा सेंटर स्थापित किए गए हैं। 
    इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, विधायक हरीश जनारथा, सचिव संदीप कदम, प्रबंध निदेशक एनएचएम प्रदीप ठाकुर, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. गोपाल बेरी, निदेशक स्वास्थ्य शिक्षा डॉ. राकेश शर्मा और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 
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