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  • आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा 19वां सांख्यिकी दिवस मनाया गया
  • मुख्यमंत्री ने नगरोटा-बगवां विधानसभा क्षेत्र को 36 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं की सौगात दी
  • मुख्यमंत्री ने नादौन में सहायक जिला न्यायवादी कार्यालय भवन का लोकार्पण किया
  • मुख्यमंत्री ने नादौन में सहायक जिला न्यायवादी कार्यालय भवन का लोकार्पण किया
  • रावमापा धनेटा में अगले शैक्षणिक सत्र से सीबीएससी पाठ्यक्रम शुरू होगाः मुख्यमंत्री
  • सुशासन आदर्श नहीं बल्कि व्यावहारिक दृष्टिकोण है अबः राज्यपाल
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  • सुशासन आदर्श नहीं बल्कि व्यावहारिक दृष्टिकोण है अबः राज्यपाल
    राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि डिजिटल तकनीक के माध्यम से संसाधनों का कुशल प्रबंधन, सेवाओं की पारदर्शिता और नीति निर्माण में भागीदारी बढ़ी है। सुशासन अब केवल एक आदर्श नहीं बल्कि एक व्यावहारिक दृष्टिकोण बन चुका है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने यह बात आज तपोवन स्थित विधान सभा परिसर में राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ सम्मेलन भारत क्षेत्र-2 के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कही। 
    उन्होंने राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ सम्मेलन भारत क्षेत्र-2 की इस महत्वपूर्ण वार्षिक कॉन्फ्रेंस के आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के इस पावन स्थल तपोवन में आयोजित यह संवाद निश्चित ही हमारे लोकतंत्र की समृद्ध परंपरा को और अधिक सशक्त बनाने वाला है। उन्होंने कहा कि यह अपार प्रसन्नता का विषय है कि लोक सभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सम्मेलन का शुभारम्भ किया।
    राज्यपाल ने राज्यसभा के उप-सभापति हरिवंश नारायण सिंह तथा विभिन्न प्रदेशों से आए सदस्यों का समस्त प्रदेशवासियों की ओर से देवभूमि आगमन पर स्वागत किया।
    राज्यपाल ने कहा कि 30 जून को ‘‘राज्य संसाधनों के प्रबंधन में विधायिकाओं की भूमिका एवं राज्य के विकास’’ विषय पर आयोजित विचार-मंथन किया गया। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि लोकतंत्र में विधायिका केवल कानून बनाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह राज्य के समग्र संसाधनों-आर्थिक, प्राकृतिक व मानव संसाधन के न्यायसंगत, पारदर्शी और उत्तरदायी उपयोग की दिशा तय करने वाली संस्था है।
    उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि संसाधन सीमित हैं और अपेक्षाएं अनंत। ऐसे में विधायिकाओं की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे बजट, नीतियों और योजनाओं के निर्माण एवं निगरानी में सकारात्मक, दूरदर्शी और जनहितकारी भूमिका निभाएं।
    राज्यपाल ने कहा कि आज ‘‘दलबदल कानून - संविधान की 10वीं अनुसूची के अंतर्गत अयोग्यता की धाराएं’’ तथा ‘‘विधायिकाओं में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए.आई.) का उपयोग’’ जैसे विषयों पर चर्चा हुई है।
    दलबदल कानून लोकतंत्र की शुचिता की रक्षा के लिए बना है लेकिन, समय के साथ इसमें व्याख्यात्मक पेचिदगियां और राजनीतिक विवेक की जटिलताएं बढ़ी हैं। इस पर व्यापक राष्ट्रीय विमर्श हो, ताकि लोकतांत्रिक संस्थाओं में विश्वास बना रहे और जनमत का अपमान न हो।
    जहां तक कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रश्न है यह तकनीक अब भविष्य नहीं, वर्तमान बन चुकी है। इसके माध्यम से कार्यवाही की रिकॉर्डिंग, दस्तावेजों का डिजिटलीकरण, विधायी शोध, वर्चुअल बैठकों और डाटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में विधायिकाएं अपने कार्य को और अधिक पारदर्शी, सुलभ और प्रभावी बना सकती हैं। 
    उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि तकनीक मानवीय संवेदनाओं और संवैधानिक मूल्यों के स्थान पर न आ जाए, बल्कि उन्हें और सुदृढ़ करंे।
    राज्यपाल ने कहा कि हमारे लोकतंत्र की शक्ति उसकी बहस, चर्चा और संवाद की संस्कृति में निहित है। यह कॉन्फ्रेंस उसी परंपरा का एक सशक्त उदाहरण है। उन्होंने कहा कि दो दिनों में जो विचार प्रस्तुत हुए हैं, वे न केवल राज्य विधायिकाओं की कार्यप्रणाली को और प्रभावी बनाएंगे, बल्कि संसदीय लोकतंत्र की जड़ों को और गहरा करेंगे।
    राज्यपाल ने कहा कि आज का यह सम्मेलन ‘‘डिजिटल युग में सुशासनः संसाधनों का प्रबंधन, लोकतंत्र की रक्षा और नवाचार को अपनाना’’ जैसे विषय पर केंद्रित रहा, जो न केवल समय की मांग है, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए एक दिशा भी तय करता है। डिजिटल तकनीकों के माध्यम से संसाधनों का कुशल प्रबंधन, सेवाओं की पारदर्शिता और नीति-निर्माण में भागीदारी बढ़ी है। सुशासन अब केवल एक आदर्श नहीं, बल्कि एक व्यावहारिक दृष्टिकोण बन चुका है, जिसमें नवाचार और डिजिटल सशक्तिकरण के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। यह बदलाव विधायिकाओं को भी तकनीक और पारदर्शिता के साथ अधिक उत्तरदायी और संवेदनशील बनने की प्रेरणा देता है।
    इस अवसर पर राज्य सभा के उप सभापति डॉ. हरिवंश, उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया व विधान सभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने भी अपने विचार रखे।
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  • रावमापा धनेटा में अगले शैक्षणिक सत्र से सीबीएससी पाठ्यक्रम शुरू होगाः मुख्यमंत्री
    नादौन में खोला जाएगा नया कृषि विपणन केन्द्र 
    मुख्यमंत्री ने धनेटा में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को जिला हमीरपुर के नादौन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत धनेटा में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के दौरान जन समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को जन समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिए। 
    मुख्यमंत्री ने आगामी शैक्षणिक सत्र से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धनेटा में सीबीएससी पाठ्यक्रम शुरू करने के अलावा विद्यालय को को-एजुकेशन बनाने तथा विज्ञान विषय की कक्षाएं आरम्भ करने की घोषणा की। उन्होंने राजकीय महाविद्यालय धनेटा में बीएड और बीसीए कोर्सिज शुरू करने को कहा ताकि स्थानीय विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर सुनिश्चित हो सकें। उन्होंने नादौन में नया कृषि विपणन केन्द्र स्थापित करने की भी घोषणा की।
    श्री सुक्खू ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शहीद हुए अरविन्द्र सिंह और सूबेदार कुलदीप चन्द को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इन वीर सपूतों के गांव में इनके स्मारक द्वार बनाए जाएंगे ताकि आने वाली पीढ़ियां इनकी वीरता से प्रेरित हो सकें। 
    उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने केवल राजनीतिक लाभ के दृष्टिगत बिना बजट प्रावधान के सैंकड़ों संस्थान खोले। वर्तमान प्रदेश सरकार ने स्कूलों का युक्तिकरण कर अनावश्यक और शून्य पंजीकरण वाले स्कूलों को बन्द किया तथा सरकार के ईमानदार और सशक्त प्रयासों से शिक्षा गुणवत्ता में प्रदेश ने देश में पांचवा स्थान प्राप्त किया है, जो भाजपा के कुप्रबंधन के कारण 21वें स्थान पर पहुंच गया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्रभावी नीतियों के अंतर्गत आज प्रदेश में विद्यार्थियों को स्मार्ट यूनिफार्म मिल रही हैं और प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों व शिक्षकों को एक्पोजर विजिट के लिए विदेश जाने के अवसर मिल रहे हैं। प्रदेश सरकार ने स्कूल शिक्षा निदेशालय का गठन कर प्री-प्राइमरी से 12वीं तक की शिक्षा को एकीकृत किया है। 
    उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र के आधुनिकीकरण की दिशा में भी वर्तमान प्रदेश सरकार ने प्रगति की है। प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों को आधुनिक उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं। टांडा चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकों से भी इस विषय में चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चिकित्सक विश्वभर में पहचान है लेकिन प्रदेश में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के अभाव में कई बार मरीजों को उपचार के लिए अन्य राज्यों का रूख करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की पहले चरण आईजीएमसी शिमला, आरपीजीएमसी टांडा और चमियाणा में आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाने की योजना है। दूसरे चरण में नेरचौक, हमीरपुर, चम्बा और नाहन चिकित्सा महाविद्यालयों में भी आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 70 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के वरिष्ठ नागरिकों की विशेष स्वास्थ्य जांच के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है ताकि वरिष्ठ नागरिकों को घर पर ही गुणवत्तायुक्त उपचार सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने दूध तथा प्राकृतिक रूप से तैयार की गई गेहूं, मक्का और कच्ची हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर तीन हजार करोड़ रुपये बचाए गए हैं जिसे अब जन कल्याण के लिए व्यय किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश अनाथ बच्चों के लिए कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बना है। इसके अंतर्गत प्रदेश के लगभग छह हजार अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा दिया गया है। इन बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है तथा सरकार इन बच्चों के अभिभावक की भूमिका में है। उन्होंने कहा कि विधवाओं के बच्चों की शिक्षा का खर्च भी प्रदेश सरकार उठा रही है। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्ष में राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी और वर्ष 2027 तक हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य भी पूरा होगा। उन्होंने कहा कि हमारे सभी निर्णय आम लोगों को लाभान्वित करने के दृष्टिगत लिए जा रहे हैं।  
    वर्ष 2023 की प्राकृतिक आपदा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने युद्ध स्तर पर राहत कार्य कर प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचाई। प्रदेश सरकार को राजनीतिक संकट का भी सामना करना पड़ा, जिसे सरकार ने स्थानीय देवी-देवताओं और लोगों के आशीर्वाद से पार किया। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी पत्नी कमलेश ठाकुर विधायक बनेंगी, लेकिन हिमाचल की जनता ने दल-बदलू नेताओं और राजनीति करने वालों को करारा जवाब दिया। 
     आयुष मंत्री यादविन्द्र गोमा, विधायक कमलेश ठाकुर, हि.प्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव कंवर, कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष राम चन्द्र पठानिया, मुख्यमंत्री के सलाहकार (अधोसंरचना) अनिल कपिल, राज्य कौशल विकास निगम के समन्वयक अतुल कड़ोहता, हिमाचल प्रदेश ओबीसी वित्त एवं विकास निगम के उपाध्यक्ष डॉ. मोहन लाल, एपीएमसी हमीरपुर के अध्यक्ष अजय शर्मा, नादौन नगर पंचायत के अध्यक्ष शम्मी सोनी, उपायुक्त अमरजीत सिंह, पुलिस अधीक्षक भगत सिंह तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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  • मुख्यमंत्री ने नादौन में सहायक जिला न्यायवादी कार्यालय भवन का लोकार्पण किया
    विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हमीरपुर जिला के नादौन में 1.28 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सहायक जिला न्यायवादी कार्यालय भवन का उद्घाटन तथा 7.61 करोड़ रुपयेे से नाबार्ड के अन्तर्गत बनने वाली सेरा से सेरा पखरोल मानपुल सड़क के उन्नयन कार्य का भूमि पूजन किया।
    मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत दी जाने वाली 3 लाख रुपये की आवास अनुदान की पहली किश्त के तौर पर एक लाख रुपये की राशि लाभार्थियों को प्रदान की। लाभार्थियों में रोहित कुमार गांव बैहली, डाकघर बाड़ा, तहसील नादौन, राहुल गांव कुथियाना डाकघर डांगरी, तहसील नादौन, अक्षय अग्निहोत्री गांव व डाकघर पन्साई, तहसील नादौन तथा दीपक गांव कारगू जगीर, डाकघर बधेरा, तहसील कांगू, जिला हमीरपुर शामिल हैं।
    श्री सुक्खू ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत दो लाख रुपये विवाह अनुदान राशि भी पात्र लाभार्थियों को वितरित की। इसमें खुश्बू ठाकुर गांव व डाकघर कलूर, तहसील नादौन, रवि कुमार गांव खुये दी भुन, डाकघर कोहला, तहसील नादौन, आंकाक्षा गांव केहडरू, डाकघर भीड़ा, तहसील हमीरपुर, शिखा, वार्ड नम्बर 3 डाकघर व तहसील सुजानपुर तथा प्रदीप कुमार गांव व डाकघर री तहसील सुजानपुर जिला हमीरपुर शामिल हैं।
    इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने अनीता कुमारी पुत्री राकेश कुमार गांव व डाकघर कशमीर, अंजना देवी पुत्री अमर सिंह गांव दाड़, डाकघर कशमीर, हीना पुत्री शेर मोहम्मद गांव व डाकघर वेहा को मुख्यमंत्री शगुन योजना के तहत राशि प्रदान की। उन्होंने रबीना कुमारी पुत्री सुदर्शना देवी गांव व डाकघर मनसाई तथा अनीता देवी पुत्री सुमना देवी गांव व डाकघर पनयाली को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत धनराशि प्रदान की। उन्होंने खुशी शर्मा पुत्री पवन कुमार गांव काई दी बाहल तथा रूद्र प्रताप शर्मा पुत्र पवन कुमार गांव काई दी बाहल, जिला हमीरपुर को मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के तहत राशि प्रदान की। 
    मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत लाभार्थियों को 359 इंडक्शन चूल्हे भी वितरित किए। 
    मुख्यमंत्री ने राजकीय डिग्री कॉलेज धनेटा की विद्यार्थी अंजलि देवी को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए 21 हजार रुपये तथा राजकीय डिग्री कॉलेज धनेटा के वरूण शर्मा को सांस्कृतिक गतिविधि में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने के लिए 5100 रुपये प्रदान किए।
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  • मुख्यमंत्री ने नादौन में सहायक जिला न्यायवादी कार्यालय भवन का लोकार्पण किया
    विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हमीरपुर जिला के नादौन में 1.28 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सहायक जिला न्यायवादी कार्यालय भवन का उद्घाटन तथा 7.61 करोड़ रुपयेे से नाबार्ड के अन्तर्गत बनने वाली सेरा से सेरा पखरोल मानपुल सड़क के उन्नयन कार्य का भूमि पूजन किया।
    मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत दी जाने वाली 3 लाख रुपये की आवास अनुदान की पहली किश्त के तौर पर एक लाख रुपये की राशि लाभार्थियों को प्रदान की। लाभार्थियों में रोहित कुमार गांव बैहली, डाकघर बाड़ा, तहसील नादौन, राहुल गांव कुथियाना डाकघर डांगरी, तहसील नादौन, अक्षय अग्निहोत्री गांव व डाकघर पन्साई, तहसील नादौन तथा दीपक गांव कारगू जगीर, डाकघर बधेरा, तहसील कांगू, जिला हमीरपुर शामिल हैं।
    श्री सुक्खू ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत दो लाख रुपये विवाह अनुदान राशि भी पात्र लाभार्थियों को वितरित की। इसमें खुश्बू ठाकुर गांव व डाकघर कलूर, तहसील नादौन, रवि कुमार गांव खुये दी भुन, डाकघर कोहला, तहसील नादौन, आंकाक्षा गांव केहडरू, डाकघर भीड़ा, तहसील हमीरपुर, शिखा, वार्ड नम्बर 3 डाकघर व तहसील सुजानपुर तथा प्रदीप कुमार गांव व डाकघर री तहसील सुजानपुर जिला हमीरपुर शामिल हैं।
    इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने अनीता कुमारी पुत्री राकेश कुमार गांव व डाकघर कशमीर, अंजना देवी पुत्री अमर सिंह गांव दाड़, डाकघर कशमीर, हीना पुत्री शेर मोहम्मद गांव व डाकघर वेहा को मुख्यमंत्री शगुन योजना के तहत राशि प्रदान की। उन्होंने रबीना कुमारी पुत्री सुदर्शना देवी गांव व डाकघर मनसाई तथा अनीता देवी पुत्री सुमना देवी गांव व डाकघर पनयाली को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत धनराशि प्रदान की। उन्होंने खुशी शर्मा पुत्री पवन कुमार गांव काई दी बाहल तथा रूद्र प्रताप शर्मा पुत्र पवन कुमार गांव काई दी बाहल, जिला हमीरपुर को मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के तहत राशि प्रदान की। 
    मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत लाभार्थियों को 359 इंडक्शन चूल्हे भी वितरित किए। 
    मुख्यमंत्री ने राजकीय डिग्री कॉलेज धनेटा की विद्यार्थी अंजलि देवी को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए 21 हजार रुपये तथा राजकीय डिग्री कॉलेज धनेटा के वरूण शर्मा को सांस्कृतिक गतिविधि में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने के लिए 5100 रुपये प्रदान किए।
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  • मुख्यमंत्री ने नगरोटा-बगवां विधानसभा क्षेत्र को 36 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं की सौगात दी
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज कांगड़ा ज़िला के नगरोटा-बगवां विधानसभा क्षेत्र के लिए 36 करोड़ रुपये लागत की आठ विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास किए। 
    मुख्यमंत्री ने नगरोटा-बगवां में 3.10 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अग्निशमन केन्द्र भवन का उद्घाटन किया। इसके अलावा, 4.80 करोड़ रुपये की लागत से मलां से गुजरेहड़ा-पठियार-सकरेहड़ सड़क, 4.84 करोड़ रुपये की लागत से खरट-जंदराह-ऐरला-रोपा-करडियाणा सड़क की मैटलिंग व टारिंग कार्य और धरुं खड्ड पर 3.47 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 33.40 मीटर पुल का शुभारम्भ किया जो कलेड को कराली दा बाग गांव को जोड़ेगा। 
    उन्होंने रंगेहड़-सदू-माल्मू से नेरा सड़क के निर्माण और नेरा खड्डा पर पुल तथा नगरोटा बगवां क्षेत्र के लिए 10 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विद्युत अधोसंरचना विकास कार्यों की आधारशिला भी रखीं। 
    इससे पूर्व, स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का नगरोटा-बगवां आगमन पर स्वागत किया। 
    आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली, विधायक संजय अवस्थी और कमलेश ठाकुर हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम के उपाध्यक्ष अजय वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। 
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  • सरकार गद्दी समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री
    राज्य ऊन संघ ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया
     
    हिमाचल प्रदेश राज्य ऊन संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार ने आज हजारों समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का धर्मशाला आगमन पर भव्य स्वागत किया।
    इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार भेड़-बकरी के नुकसान पर दी जाने वाली मुआवजा राशि को बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत राहत मैनुअल को संशोधित कर अधिकतम स्तर तक बढ़ाया जाएगा ताकि पशुपालकों को उचित मुआवजा प्रदान कर लाभान्वित किया जा सके। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि गद्दी समुदाय के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार पूरी  प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और आगामी बजट में ऊन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का प्रस्ताव शामिल किया जाएगा। इससे ऊन उत्पादकों को सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित होगा। 
    ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वन विभाग को गद्दी समुदाय के पारंपरिक चरागाह अधिकारों में हस्तक्षेप न करने के निर्देश दिए हैं ताकि समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित न होना पड़े। 
    मनोज कुमार ने मुख्यमंत्री को गद्दी समुदाय की लम्बे समय से लम्बित मांगों और समस्याओं से अवगत करवाया। उन्होंने समुदाय की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। 
    आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा, विधायक संजय अवस्थी, एपीएमसी के अध्यक्ष नीशू मुंगरा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता देवेंद्र जग्गी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। 
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