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  • एचपी शिवा परियोजना की गवर्निंग काउंसिल की तीसरी बैठक आयोजित
  • उप-मुख्यमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले के मृतकों के परिजनों के साथ संवेदनाएं व्यक्त कीं
  • कृषि व बागवानी क्षेत्रों के सुदृढ़ीकरण पर खर्च होंगे 2 हजार करोड़ रुपयेः मुख्यमंत्री
  • आईटीबीपी के सहयोग से प्रदेश में सीमा पर्यटन को दिया जाएगा बढ़ावा: मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री ने 28 अप्रैल तक बकाया देनदारियों की पहली किस्त जारी करने के निर्देश दिए
  • पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया
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  • पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया


    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के लोगों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
    हिमाचल प्रदेश सचिवालय परिसर में उनकी याद में दो मिनट का मौन रखा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम राज्य सचिवालय और सभी उपायुक्त कार्यालयों में कायरतापूर्ण आतंकी हमले में मारे गए सभी लोगों के सम्मान में मौन रख रहे हैं। शोक संतप्त परिवारों के साथ अपनी संवेदनाएं भी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि दुख की घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है।
    इस अवसर पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया, उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक अनुराधा राणा, मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, हिमाचल प्रदेश सचिवालय के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
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  • मुख्यमंत्री ने 28 अप्रैल तक बकाया देनदारियों की पहली किस्त जारी करने के निर्देश दिए


    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां वित्त विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए 30 अप्रैल, 2025 से पहले लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग के ठेकेदारों की लंबित सभी देनदारियों को जारी करने के निर्देश दिए।
    उन्होंने कहा कि लंबित देनदारियों की पहली किस्त 28 अप्रैल से पहले और शेष राशि इस महीने की 30 अप्रैल तक जारी कर दी जाएगी। उन्होंने दोनों विभागों को बिल तैयार कर उन्हें भुगतान के लिए समय पर कोषागार में प्रस्तुत करने के लिए शीघ्रता से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को विभागीय बिल हर महीने की 10 तारीख के बाद ही प्रस्तुत करने के निर्देश दिए क्योंकि राज्य को हर महीने की 10 तारीख को केंद्रीय कर प्राप्त होते हैं।
    विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, प्रधान सचिव, वित्त देवेश कुमार, सचिव वित्त डॉ. अभिषेक जैन, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग एन.पी. सिंह, प्रमुख अभियंता जल शक्ति विभाग अंजू शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
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  • आईटीबीपी के सहयोग से प्रदेश में सीमा पर्यटन को दिया जाएगा बढ़ावा: मुख्यमंत्री
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू से आज यहां भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के उत्तरी सीमांत मुख्यालय देहरादून के सीमांत कमांडर संजय गुंज्याल ने  भेंट की।
    बैठक के दौरान प्रदेश के सीमावर्ती जिलों किन्नौर एवं लाहौल-स्पीति में आईटीबीपी की भूमिका व भारत-चीन सीमा सुरक्षा से सम्बन्धित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।
    इस अवसर पर राज्य के सीमांत अग्रिम क्षेत्रों में सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने की कार्ययोजना, सीमावर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से आईटीबीपी को आपूर्ति के लिए स्थानीय उत्पादों की खरीद, आईटीबीपी के स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने सहित विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत आईटीबीपी के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केन्द्रों से और बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आईटीबीपी के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित हेलीपैडों को दूर-दराज क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। इसके लिए बल के साथ विस्तृत चर्चा कर सभी औपचारिकताएं पूर्ण की जाएंगी। इससे सम्पर्क सुविधा भी सशक्त होगी।
    ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए अनेक कदम उठा  रही है। ग्रामीण आर्थिकी को सशक्त करने के लिए आईटीबीपी यदि स्थानीय लोगों से खाद्य उत्पाद क्रय करती है, तो इससे रोजगार के अवसर सृजित होंगे और किसान-बागवान भी लाभान्वित होंगे।
    मुख्यमंत्री ने बल के अधिकारियों से कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद स्थानीय लोगों को विशेष प्राथमिकता दी जाए।
    उन्होंने प्रदेश सरकार के अधिकारियांें को सीमावर्ती क्षेत्रों में संचार टावर स्थापित करने के लिए सभी प्रक्रियाएं समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए।  
    मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में आईटीबीपी द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों और अन्य गतिविधियों की सराहना की।
    कमांडर संजय गुंज्याल ने आईटीबीपी द्वारा वाईर्बेंट गांव विकास कार्यक्रम के तहत सांगला वैली व कौरिक क्षेत्र में प्रस्तावित तीन नई सड़कों के निर्माण के लिए उठाए गए कदमों तथा प्रदेश के दूरस्थ व अग्रिम सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रस्तावित 15 नई सड़कों के प्रस्ताव से भी अवगत करवाया।
    बैठक में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
    इस अवसर पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, हिमफैड के अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, सचिव रितेश चौहान, आईटीबीपी के डीआईजी पवन कुमार नेगी व बरिन्द्रजीत सिंह, कमांडेंट वसंत नोगल और सुनील कुमार सेनानी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  
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  • कृषि व बागवानी क्षेत्रों के सुदृढ़ीकरण पर खर्च होंगे 2 हजार करोड़ रुपयेः मुख्यमंत्री
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि व बागवानी क्षेत्र को सुदृढ़ कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त कर रही है। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार 2 हजार करोड़ रुपये व्यय करेगी। मुख्यमंत्री आज यहां कृषि, बागवानी व अन्य संबद्ध विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि व बागवानी उत्पादों का प्रसंस्करण कर उनका विपणन करने के लिए बेहतरीन व्यवस्था विकसित की जा रही है। इसी दृष्टिकोण के साथ दुग्ध क्षेत्र के विकास के लिए भीे नवोन्मेषी प्रयास किये जा रहे हैं।
    ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में पशुधन का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश सरकार द्वारा हिम गंगा योजना को प्रथम चरण में पायलट आधार पर हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में आरम्भ किया गया है। मिल्कफैड द्वारा मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों में 120 स्वचालित और 32 डिजिटल दूध संग्रहण इकाइयां स्थापित की गई हैं।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती से उत्पादित हल्दी, गेहूं तथा मक्का के समर्थन मूल्य को इस वित्त वर्ष में क्रमशः 90 रुपये, 60 रुपये तथा 40 रुपये प्रति किलोग्राम करने का निर्णय लिया है। उन्हांेने कहा कि सरकार ने इस वर्ष एक लाख नए किसानों को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने का लक्ष्य रखा है तथा प्राकृतिक खेती करने वाले सभी किसानों को हिम परिवार रजिस्टर से जोड़ा जाएगा।
    बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, विधायक आशीष बुटेल, मिल्कफैड के अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर, सचिव पशुपालन रितेश चौहान, मिल्कफैड के प्रबन्ध निदेशक विकास सूद तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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  • खनिज परिवहन में ट्रांजिट पास के दुरूपयोग पर रोक लगाने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करेगी राज्य सरकारः मुख्यमंत्री
    राज्य सरकार खनिजों के परिवहन के दौरान ट्रांजिट पास के दुरुपयोग से जुड़ी भ्रष्ट गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एक प्रभावी तंत्र विकसित करेगी। इससे रॉयल्टी में होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा और विकास कार्यों को गति मिलेगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां उद्योग विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए। 
    मुख्यमंत्री ने खनिजों के परिवहन में फर्जी ट्रांजिट पास के उपयोग पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इसके कारण राज्य सरकार को खनिजों के परिवहन में भारी रॉयल्टी का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने पहले नियम 81ए लागू किया था। इस नियम के अंतर्गत ट्रांजिट पास उपलब्ध न होने की स्थिति में पंचायतों और अन्य विकास कार्य करने वाली एजेंसियों से 80 रुपये प्रति टन  की रॉयल्टी और 20 रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया था। हालांकि, इस नियम  के कार्यान्वयन पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाई गई है और इस मामले पर आगामी 25 अप्रैल को सुनवाई होनी है। 
    मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को इस समस्या के समाधान के लिए हर संभव उपाय और वैकल्पिक व्यवस्था पर गंभीरता से विचार करने के निर्देश दिए ताकि विकास कार्यों में कोई भी रूकावट न हो और वह समयबद्ध पूरे किए जा सकें। 
    उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता अनूप रतन, सचिव विधि शरद कुमार लगवाल, निदेशक उद्योग डॉ. यूनुस, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
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  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ कार्य करने का आह्वान किया
    हिमाचल प्रशासनिक सेवाएं (एचएएस) अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू से शिष्टाचार भेंट की। इस प्रतिनिधिमंडल में वर्ष 2024 बैच के छह एचएएस परिवीक्षाधीन अधिकारी तथा वर्ष 2022, 2023 और 2024 बैच के 16 पदोन्नत एचएएस अधिकारी शामिल थे। यह अधिकारी वर्तमान में डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान शिमला में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। 
    मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को बेहतरीन सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिकारियों से ईमानदारी और पारदर्शिता जैसे मूल्यवान गुणों को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है और एचएएस अधिकारी इस दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को सरकार की प्रमुख जन कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता देने और इन योजनाओं का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में अनावश्यक विलम्ब की प्रथा को समाप्त कर विकास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए समय सीमा तय कर उन्हें समयबद्ध पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने शासन में पारदर्शिता लाने के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। 
    आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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